Lnflation blow to Customers : RBI ने पांचवीं बार बढ़ाए रेपो रेट, ब्याज,पर्सनल लोन हुआ महंगा, ज्यादा चुकानी होगी EMI

नया लुक ब्यूरो


ब्याज और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए आज RBI ने बड़ा झटका दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल भी अपना रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। बुधवार को RBI के गवर्नर शशिकांत दास ने जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट में 0.35% का इजाफा किया है। इससे रेपो रेट 5.90% से बढ़कर 6.25% हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। इससे पहले सितंबर में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 5.40% से बढ़कर 5.90% किया गया था।

RBI ने लगातार पांचवीं बार ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम एक और चुनौतीपूर्ण साल के अंत में आ गए हैं और देश में ही नहीं दुनिया के कई देशों में महंगाई दर बढ़ती देखी गई है। देश में सप्लाई चेन की स्थिति को ग्लोबल जियो पॉलिटिकल परिस्थितियों के कारण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बैंक क्रेडिट ग्रोथ लगातार आठ महीनों से दहाई अंकों से ऊपर आ रही है। जबकि महंगाई दर ऊपरी स्तरों पर बनी हुई है। RBI के रेपो रेट बढ़ाने से एक तरह तो आपको लोन की EMI बढ़ेगी, वहीं, दूसरी तरह आपके लिए घर-कार खरीदना भी महंगा हो जाएगा।

रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है। इसलिए अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है। जबकि इसके विपरीत रेपो रेट में कटौती से लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है। बता दें कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का सीधा असर आपके जेब पर किस तरह पड़ने वाला है। रेपो रेट के बढ़ने से आपके होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की EMI बढ़ने वाली है। इसके अलावा ऑटो लोन और दूसरे अन्य तरह के सभी लोन महंगे हो जाएंगे। अगर किसी व्यक्ति ने पहले 5.90% की दर पर बैंक से लोन लिया था तो उसे अब नई ब्याज दर से EMI भरना होगा। ऐसे में अब पहले की तुलना में उसे अपने लोन पर अधिक EMI चुकाना पड़ेगा।

गौरतलब है कि मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था। लेकिन RBI ने दो और तीन मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था। 22 मई 2020 के बाद रेपो रेट में ये बदलाव हुआ था। इसके बाद छह से आठ जून को हुई मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया। इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसे 0.50% बढ़ाया गया, जिससे ये 5.40% पर पहुंच गई। सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गई। अब ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गई है।

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