अब जेलर के हाथों में नहीं होगी जेल की कमान!

  • प्रोन्नत देेकर आठ जेलर बनाए गए अधीक्षक

आर के यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में अफसरों की कमी को दूर करने की कवायद तेज हो गई है। जेल मुख्यालय की पहल पर शासन ने विभाग के प्रत्येक संवर्ग की प्रोन्नति प्रकिया को पूरा कर नए अधिकारी दिए जा रहे है। इस कड़ी में जेल विभाग को आठ नए अधीक्षक मिले गए है। जेलर से अधीक्षक पद पर प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी होते ही प्रोन्नति अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई। इसके साथ ही विभाग को जल्द ही करीब एक दर्जन प्रोन्नत जेलर मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। प्रदेश की जेलों में बंदियों के अनुपात में अधिकारियों की संख्या काफी कम है। इस कमी की वजह से कई जेलों का प्रभार अधीक्षक के बजाए जेलर संभाल रहे है। इसी प्रकार जिन जेलों में पांच से छह डिप्टी जेलर होने चाहिए वहां दो या फिर चार से काम चलाया जा रहा है। इस कमी को देखते हुए जेल मुख्यालय ने जेलर से अधीक्षक और डिप्टी जेलर से जेलर संवर्ग के अधिकारियों की प्रोन्नत प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।

इस कड़ी में आठ जेलर को प्रोन्नति देकर अधीक्षक बनाया गया है। कारागार विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से जारी की गई सूची में जेलर राम कुबेर सिंह, राजेंद्र प्रताप चौधरी, राजेश कुमार राय, सतीश चंद त्रिपाठी, आनंद कुमार शुक्ला, आदित्य कुमार, सत्य प्रकाश और राजेश कुमार पांडे प्रथम को अधीक्षक पद पर प्रोन्नति कर दिया गया है। इन नए प्रोन्नत जेल अधीक्षकों को तैनाती दे दी जाएगी। विभागीय अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक इस कड़ी में डिप्टी जेलर से जेलर संवर्ग की प्रोन्नति प्रकिया भी अंतिम चरण में है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि विभाग को जल्दी ही करीब एक दर्जन डिप्टी जेलर को प्रोन्नति देकर जेलर बनाया जा रहा है। यह अलग बात है कि जेल मुख्यालय की ओर से डिप्टी जेलरों की ब्राड सीट में गड़बड़ी की वजह से इस संवर्ग के अधिकारियों की प्रोन्नत प्रकिया में विलंब हो गया। इसके बाद भी इसके जल्दी जारी होने की संभावना है।

मुख्यालय में खाली पड़े कई महत्वपूर्ण पद

कारागार विभाग में खाली पड़े पदों की भरमार है। विभाग के विभागीय डीआईजी की संख्या कम होने की वजह से कई जेल परिक्षेत्रों की जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारियों की हाथों में है। जेल मुख्यालय में विभागीय अपर महानिरीक्षक का पद पिछले काफी समय से खाली पड़ा हुआ है। इसी प्रकार वरिष्ठï अधीक्षक मुख्यालय का पद भी खाली पड़ा है। निमार्ण विभाग के कोई भी सहायक एवं अवर अभियंता तैनात नहीं है। आधुनिकीकरण और कृषि विभाग का काम भी अप्रशिक्षितों के हाथ में हैं। उधर महानिरीक्षक कारागार एसएन साबत का कहना है कि अफसरों की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा।

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