प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज में शनिवार रात हुआ इसी तरह पूर्व प्रधान के साथ चिकित्सकों ने किया अभद्र व्यवहार
विशाल मिश्र
प्रतापगढ़। हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को योगी सरकार ईनाम देने का दावा कर रही है। मगर बेल्हा में ठीक इसका विपरीत दिखाई पड़ रहा है। घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले एक पूर्व प्रधान के साथ डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने ठीक इसी तरह किया है। ईनाम के बजाए मारपीट किया। उसे पुलिस के हवाले कर दिया। घायल का इलाज भी नहीं किया। उसकी मौत भी हो गई। आखिर में देखना है कि अब योगी सरकार ऐसे प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई करेगी या फिर ईनाम देगी ।
जेठवारा थाना क्षेत्र के नगियापुर पर्वतपुर निवासी सूरज (18) पुत्र राम विलास साथियों के साथ ईंट भट्ठा के ट्रैक्टर से कहीं जा रहा था। नीचे गिर गया। घायल हो गया। पूर्व प्रधान अजय सिंह मदद करते हुए घायल को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंच गए। न्यायालय के मनाही के बाद भी यहां मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य उनसे पूछताछ करने लगे। इलाज करने में लेट लतीफी करने लगे। अजय का आरोप है कि विरोध करने पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और उनके दो डॉक्टर एक कमरे में लेकर गए और मारपीट किए। इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिये। अजय का आरोप है कि प्राचार्य के साथ उनके साथ रहे, चिकित्सक शराब के नशे में धुत थे। समय पर सूरज का इलाज नहीं किया गया। उसे रेफर तक नहीं किया गया। इससे उसकी मौत हो गई। मजेदार बात यह है कि शासन एक ओर घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर ईनाम देने का दावा करती है वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन ऐसे लोगों को थप्पड़ मारने में पीछे नहीं हट रही है। इससे नाराज मृतक के परिजनों ने शव का अंतिमसंस्कार करने से इनकार कर दिया।
प्राचार्य ने शराब पीने का प्रधान पर लगाया आरोप, मगर नहीं कराया मेडिकल
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने प्रधान पर शराब के नशे में धुत होने का हवाला देकर उसे पुलिस के हवाले किया था। मगर पुलिस के बारबार मांग के बाद भी प्रधानाचार्य ने खुद तो दूर उनके चिकित्सकों ने भी पुलिस को तहरीर देना उचित नहीं समझे। वहीं पूर्व प्रधान ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आप बीती बताई है। इस घटना से जनप्रतिनिधियों में भी रोष है।
हंगामा के बाद अस्पताल में पसरा सन्नाटा, परेशान हुए मरीज
सूरज के मौत के बाद अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया। डॉक्टर से लेकर कर्मचारी इमरजेंसी कक्ष छोड़कर फरार हो गए। इससे मरीजों को परेशान होना पउ़ा।