गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में एक नई परम्परा की शुरुआत पर मंदिर कमेटी की मुहर,

  • अब नेपाल के गोरखा समाज के लोग भी चढ़ाएंगे खिचड़ी

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज । मकर संक्रांति के दिन गोरखनाथ मंदिर में गुरू गोरखनाथ को नेपाल के राजघराने के बाद अब गोरखा जिले के लोगों ने भी आस्था की खिचड़ी चढ़ाने की पहल की है। नेपाल के गोरखा नगर प्रमुख (मेयर) कृष्ण बहादुर राना ने समाज के लोगों से मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में जाकर व्यवस्था प्रबंधन संभालने वाले लोगों के समक्ष प्रस्ताव रखा और फिर नगर निगम में मेयर और नगर आयुक्त से भी मुलाकात की। मंदिर प्रबंधन की ओर से गोरखा समाज के लोगों के पहल पर सहमति दे दी गई है। गोरखनाथ मंदिर में गुरू गोरखनाथ को सबसे पहली खिचड़ी गोरखनाथ मंदिर की चढ़ाई जाती है और इसके बाद नेपाल के राजघराने से आई खिचड़ी चढ़ाई जाती है। अब नेपाल के गोरखा समाज के लोगों की पहल को भारत और नेपाल के बीच कड़वाहट भरे रिश्तों को बेहतर बनाने की दृष्टि में सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।

नेपाल के गोरखा नगर पालिका प्रमुख कृष्ण बहादुर राना ने बताया कि नेपाल में गोरखाली लोगों को गोरखा नागरिक कहते हैं। ये नाम गोरखा नागरिकों को आठ वीं शताब्दी के प्रमुख संत गुरु गोरखनाथ से मिला था। इसके बाद नेपाल के राजघराने से गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई। जो परंपरा आज भी जारी है। मेयर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव से मुलाकात में उन्होंने बताया कि इस बार 14 जनवरी को करीब 100 लोगों का एक दल गोरखनाथ मंदिर आएगा। सुबह खिचड़ी चढ़ाने के बाद एक दिन दल रुकेगा और फिर 15 जनवरी को वापस नेपाल लौट जाएगा। इस दौरान गोरखपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे।

नगर निगम सभागार में मेयर व नगर आयुक्त से मिलने गए गोरखा नगर प्रमुख के साथ जयंत नाथ, होम सिंह शास्त्री, राधारमण तिवारी, संयोजक नेपाल भारत खिचड़ी गो-यात्रा कृष्ण प्रसाद सुवेदी, विजय उपाध्याय, अनिष आर्याल, रमेश दूबे मौजूद रहे। इस दौरान मेयर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव व नगर आयुक्त ने सभी का स्वागत किया।

मेयर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखा लोगों का दल गोरखपुर आया था। उनकी तरफ से गुरू गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा की शुरूआत की जाएगी इस परंपरा में सभी का स्वागत है। 14 तारीख को उनका एक 100 लोगों का दल आएगा।

गोरखनाथ मंदिर के द्वारिका तिवारी ने कहा कि गुरू गोरखनाथ को नेपाल राजघराने से खिचढ़ी चढ़ाने की परपंरा सदियों से चली आ रही है। नेपाल से गोरखा नागरिकों ने भी अब इसी के साथ खिचड़ी मेले में हिस्सा लेने और खिचड़ी चढ़ाने की इच्छा जताई है। उनका स्वागत है।

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