पदावनत होने वाले अधिकारियों को प्रोन्नत देने की तैयारी!

  • अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
  • उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ का गोलमाल

आरके यादव


लखनऊ। जिस अधिकारी को पदावन किया जाना चाहिए था अब उसको प्रोन्नति देने की तैयारी है। ऐसा एक मामला प्रकाश में आया है। मामला उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ से जुड़ा है। अपर मुख्य सचिव गन्ना पदावनत होने वाले इन अधिकारियों को प्रोन्नति देने की तैयारी में लगे हुए है। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा चीनी मिल संघ की ओर से अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवं चीनी को भेजी गई शिकायत से हुआ है। अपर मुख्य सचिव की इस कार्यप्रणाली से संघ के अधिकारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। अपर मुख्य सचिव सेवानिवृत्त होने से पूर्व होने वाली इस कार्रवाई को लेकर विभागीय अफसरों में तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही है। चर्चा है कि रिटायर होने से पूर्व पहले उन्होंने कुछ अस्थाई नियुक्त कर्मियों को सेवा विस्तार दे दिया और अब प्रोन्नति देने की फिराख में हैं।

चीनी मिल संघ अधिकारियों की ओर से भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि संघ के लेखा संवर्ग में तैनात रवि चौधरी और गीतेंद्र कुमार की वर्ष-1997 में सहायक लेखाकार के पद पर नियुक्ति की गई थी। वर्ष-2002 में पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देकर इन्हें लेखाकार पद पर तथा वर्ष- 2009 में पुन: पदोन्न्नति में आरक्षण को लाभ देकर लेखाधिकारी के पद पर प्रोन्नत कर दिया गया। इसके बाद वर्ष-2017 में एक बार फिर उन्हें उप मुख्य लेखाकार के पद पर पदोन्नति दे दी गई। यह प्रोन्नति नियम विरुद्ध की गई।

इस प्रोन्नति प्रकिया के दौरान ही वर्ष-2015 में सर्वाेच्च न्यायालय ने वर्ष-2012 को पदोन्नत में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त करते हुए कई निर्देश दिये। न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण तथा परिणामी ज्येष्ठïता को प्राप्त कर 28 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं 15.11.1997 के बाद प्रोन्नत कर्मियों को पदावनत किए जाने का निर्देश दिया। इस निर्देश के तहत बड़ी संख्या में चीनी मिलों और संघ के अधिकारियों को पदावनत भी किया गया। किंतु इन दो अधिकारियों के मामले में इस शासनादेश के अनुपालन में न तो पदावनत किया और न ही वर्णित शासनादेश का कोई अनुपालन ही किया गया। इससे चीनी मिल संघ के अधिकारियों और कर्मियों खासा आक्रोश व्याप्त है। संघ के अधिकारियों में चर्चा है कि इन दो अधिकारियों को पदावनत ही नहीं किया गया। इसके बाद अब इन्हें प्रोन्नति देने की तैयारी अंतिम चरण में है। चर्चा है कि अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास सेवानिवृत्त होने से पूर्व अपने चहेते अधिकारियों को लाभ देने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखना चाहते है। यही वजह से है कि पिछले दिनों उन्होंने अस्थाई नियुक्ति पर रखे गए अधिकारियों को तीन से छह माह तक का कार्यकाल बढ़ा दिया। उधर इस संबंध मे जब एसीएस गन्ना एवं सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक आरके पांडे से बात करने का प्रयास किया गया तो दोनों ही अधिकारियो का कई प्रयासों के बाद भी फोन नहीं उठा। संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पदावनत और प्रोन्नत करने का अधिकार सभापति को है। संघ का इससे कोई मतलब नहीं होता है।

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