एसओजी, सर्विलांस व बांसी कोतवाली की पुलिस ने की गिरफ्तारी
आरोपियो के पास से छह फर्जी बैंक अकाउंट, 11 एटीएम, साढे चार लाख नकदी, कई चेकबुक व सिम बरामद
पकड़े गए दोनों आरोपी शिवनगर डिडई थाना के गोल्हौरा गांव के निवासी
सिद्धार्थनगर। जिले की पुलिस ने दो ऐसे नवयुवकों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी बैंक अकाउंट खोल कर क्रिप्टो कैरेंसी (यूएसडीटी) की ट्रेडिंग कर हर माह लाखों रुपये कमाते थे। पकड़े आरोपियों के पास से आधा दर्जन फर्जी बैंक अकाउंट के साथ विभिन्न बैंकों के एटीएम, दर्जन भर सिम, साढ़े चार लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। पुलिस लाइंस सभागार में अमित कुमार आनंद ने सोमवार को खुलासा करते हुए बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी क्रिप्टो कैरेंसी (यूएसडीएटी) की ट्रेडिंग करते थे। वह लोग फर्जी नामों से सिम मंगा कर उसी के आधार पर अनवेरीफाइड व्यक्तियों को क्रिप्टो एक्सेंज करते थे। बदले में उनकी कमाई डालर में होती थी। एसपी ने बताया कि बांसी कोतवाली क्षेत्र के छितौना गांव के पास से पकड़े गए दोनों आरोपियों कुबूल किया है कि वह लोग दो नंबर से कमाई के धन को अपने व परिवार के विभिन्न बैंक खातों में ट्रोंसफर कर देते थे इससे पकड़े जाने का खतरा नहीं होता था। आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 472 व 66 डी आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
अमेरिकन डालर में बिकती है क्रिप्टो कैरंसी (यूएसडीटी)
क्रिप्टो कैरेंसी यूएसडीटी अमेरिकन डालर में बिकती है। एसओजी प्रभरी जीवन त्रिपाठी ने बताया कि मौजूदा समय में एक क्रिप्टो कैरेंसी यूएसडीटी का रेट 86 रुपये का रेट चल रहा है। पकड़े गए आरोपी बेचने वालों को डालर की जरूरत होने पर कम दाम में फर्जी एकाउंट के जरिए खरीदते थे। उसे बेच कर 20 प्रतिशत का लाभ कमाते थे।
औरंगाबांद से सात हजार देकर मंगाते थे फर्जी सिम व खाता
पुलिस के पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह लोग औरंगाबाद के एक टेलीगाम विभाग में काम करने वाले के माध्यम से सात हजार रुपया देकर सिम व फर्जी खाता मंगाते थे। प्रति बैक अकाउंट व सिम सात हजार रुपये देते थे। औरंगाबाद से कूरियर के माध्यम से उनतक पहुंच जाता था। प्रति माह 70 हजार रुपये सिम व फर्जी बैंक अकाउंट पर खर्च करते थे।
अनवेरीफाइड अकाउंट दो से तीन दिन में हो जाता था फ्रीज
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह लोग जो अकाउंट खेलते थे वह अनवेरीफाइड व अधिक लेनदेन होने की वजह से दो-तीन दिन में फ्रीज हो जाता था। खाता में पैसाआते ही अपने व परिवार के सदस्यों के अकाउंट में मौजूद तीन आईफोन के जरिए ट्रांसफर कर लिया करते थे।
अलग-अलग खातों से ट्राजक्शन पर एजेसिंयों की नहीं पड़ती थी नजर
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि चूंकि उनका डालर में क्रिप्टो कैरेंसी का लेनदेन होता था इससे खाता में ज्यादा पैसा आता था। वह लोग बदल-बदल कर अकाउंट का प्रयोग रकते थे इससे एजेंसियों के पकड़ में नहीं आते थे।
बैंक अकांउट सीज करने को लिखा गया
विभिन्न बैंकों में पकड़े गए आरोपियों व उनके परिवार के संचालित खातों को सीज करने के लिए पुलिस ने अधिकारियों को पत्र लिखा है। बैंक अकाउंट खंगाले जाने पर जमा वास्तविक धनराशि का पता चल सकेगा। वैसे पुलिस की जो अब की जानकारी है उसके अनुसार बैंक खता में 60 लाख रुपये जमा हैं।
गिरफ्तार किए गए ओरापी
पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों में अब्दुल रहमान पुत्र महमूद अली व बसीउल्ला पुत्र समीउल्लाह निवासी गोल्हौरा थाना शिवनगर डिडई शामिल हैं।
आरोपियों के पास से बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के पास से साढ़े चार लाख नकद, छह फर्जी बैंक अकाउंट, 11 विभिन्न बैंकों के एटीएम, पांच मोबाइल फोन, आठ चेक बुक, एक बाइक, 14 विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड को पुलिस ने बरामद किया है।
गिरफ्तार करने वाली टीम में यह रहे शामिल
एसओजी प्रभारी जीवन त्रिपाठी, प्रभारी सर्विलांस शेषनाथ यादव, कोतवाल वेद प्रकाश श्रीवास्तव, एसआई पप्पू कुमार गुप्ता, कांस्टेबल विवेक कुमार मिश्र, देवेश यादव, रमेश यादव, पवन तिवारी, अवनीश सिंह, मृत्युंजय कुशवाहा, श्यामसुन्दर मौर्या, गणेश सिंह, महिला आरक्षी ममता पटेल आरोपियों को गिरफ्तार करने वालों में शामिल रहीं।