आज से शुरू होंगे पंचक, इन कामों को करने से खुल जाएंगे बंद किस्मत के दरवाजे

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता 

वैदिक ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है तथा इस दौरान शुभ कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है। चन्द्रमा अंतरिक्ष में विचरता हुआ जब धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र में गोचर करता है तो इसे पंचक कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है तथा इस दौरान शुभ कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है। इस समय किए गए कार्य या तो पूरे नहीं हो पाते या बड़ी हानि का कारण बनते हैं। 2 अगस्त 2023 (बुधवार) को रात्रि 11.26 बजे पंचक आरंभ होंगे। इनका समापन 7 अगस्त 2023 (सोमवार) को अर्द्धरात्रि बाद 1.43 बजे होगा। इस समयकाल में शुभ कार्यों को यथासंभव टालना आपके लिए हितप्रद रहेगा।

पंचक काल में ध्यान रखें ये सावधानियां

शास्त्रों में कहा गया है कि पंचक में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करना आपके लिए हानि और दुख का कारण बन सकता है।

इस दौरान पूजा-पाठ तथा ईश्वर भक्ति कर सकते हैं परन्तु बड़े धार्मिक अनुष्ठान यथा अखंड रामायण पाठ, मंत्र जप के अनुष्ठान आदि कार्य नहीं करने चाहिए।

पंचक में नए घर की नींव रखना, छत डालना या गृह प्रवेश करने से भी बचना चाहिए। घर के फर्नीचर, नए सामान, ज्वैलरी, बिस्तर आदि खरीदने से भी बचें।

इस दौरान विवाह संस्कार, नामकरण संस्कार, उपनयन संस्कार, नए व्यापार या ऑफिस का शुभारंभ जैसे कार्य भी न करें।

पंचक में इन कामों से होगा फायदा

यदि इस समयकाल में आप गरीबों की मदद करें। उन्हें भोजन, वस्त्र, दवाईयां आदि दान करें तो दुर्भाग्य दूर होगा। पशु, पक्षियों को चारा और दाना खिलाने से समस्त ग्रहदोष दूर होंगे।

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