गरीबों के प्रति समर्पित सरकार

डॉ दिलीप अग्निहोत्री


प्रधानमंत्री बनते समय नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को गरीबों वंचितों के प्रति समर्पित बताया था। वस्तुतः यह डॉ भीम राव राम  आंबेडकर के विचारों की ही प्रेरणा थी। विगत नौ वर्षों से उनकी सरकार इसी दिशा में कार्य कर रही है। ज़न कल्याण की इतनी अधिक और व्यापक योजनाए देश में पहले कभी भी लागू नहीं की गई थी। डॉ. भीमराव राम जी आंबेडकर की जीवन यात्रा स्वयं में प्रेरणादायक रही है। इस यात्रा के अनेक पड़ाव थे। प्रत्येक में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की झलक थी। ऐसे में इन स्थानों पर गरिमापूर्ण स्मारक दशकों पहले बनने चाहिए थे। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अलावा किसी अन्य ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। डॉ. आंबेडकर की प्रतिष्ठा में सर्वाधिक कार्य वर्तमान केंद्र व प्रदेश सरकार ने किए है। इसमें उनके जीवन से संबंधित स्थलों का भव्य निर्माण भी शामिल है। इसके साथ ही दलित वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ वंचित वर्ग को तक पहुंच रहा है। नरेंद्र मोदी ने डॉ। भीमराव रामजी आंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच स्थानों को भव्य स्मारक का रूप प्रदान किया। इसमे लंदन स्थित आवास, उनके जनस्थान,दीक्षा स्थल,इंदुमिल मुम्बई और नई दिल्ली का अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थान शामिल हैं। यह अपने ढंग का अद्भुत संस्थान है, जिसमें एक ही छत के नीचे डॉ आंबेडकर के जीवन को आधुनिक तकनीक के माध्यम से देखा-समझा जा सकता है।

नरेंद मोदी ने यह संस्थान राष्ट्र को समर्पित किया था। संयोग देखिये, इसकी कल्पना अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी और इसे पूरा नरेंद्र मोदी ने किया। बसपा के समर्थन से दस वर्ष चली यूपीए सरकार ने एक ईंट भी नहीं लगाई। मोदी ने निर्धारित सीमा में इसका निर्माण कार्य पूरा कर दिया। यह भी उल्लेखनीय है कि इन स्मारकों के निर्माण में भ्र्ष्टाचार आदि का कोई आरोप नहीं लगा,न मोदी ने कहीं भी अपना नाम या मूर्ति लगवाने का प्रयास किया। वे चाहते हैं कि भावी पीढ़ी महापुरुषों और सन्तो से प्रेरणा ले,जिन्होंने पूरा जीवन समाज के कल्याण में लगा दिया। नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहब डाॅ भीमराव आंबेडकर की भावनाओं के अनुरूप भारत के निर्माण के लिए बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया है। अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। लखनऊ में डॉ भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्मांण चल रहा है। यह स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र डॉ भीमराव आंबेडकर के आदर्शों के अनुरूप स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य करेगा। उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े हुए विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति समय पर भेजी जा रही है। वर्तमान सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद तय किया कि ग्राम पंचायत में जहां पर जिसका मकान बना है,उसको वहां पर उस जमीन का कब्जा दिलाएंगे। स्वामित्व योजना के तहत घरौनी के माध्यम से ग्राम पंचायत में हर व्यक्ति को उसके मकान अथवा झोपड़ी का अधिकार प्राप्त हो रहा है। इसके लिए ड्रोन सर्वे किया जा रहा है। स्वामित्व योजना के तहत सभी गांवों में अभियान चलाकर कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अब तक लाखों परिवारों को ऐसे कब्जे दिये जा चुके हैं।

वोटबैंक की राजनीति ने चिंतन के दायरे को बहुत सीमित कर दिया है। केवल चुनावी चिंता से समाज का भला नही हो सकता। नरेंद्र मोदी भी चुनावी राजनीति में है। वह भी अपनी पार्टी को विजयी बनाने का प्रयास करते है लेकिन इसी को सामाजिक जीवन की सिद्धि नही मानते। वह इससे आगे तक की सोचते है। भावी पीढ़ियों और समाज के भविष्य के बारे में सोचते है। पंचतीर्थ से लेकर कबीर स्मारक तक उनके सभी प्रयास सामाजिक समरसता की प्रेरणा देने वाले है। महान लोगों के प्रत्येक कबीर में प्रबल आत्मबल था। इसीलिए उन्होंने मगहर के मिथक को स्वीकार नहीं किया। यहां आकर उन्होंने कर्मफल के सिद्धांत को महत्व दिया। ऐसा नहीं हो सकता कि अच्छे कर्म करने वाले को मगहर में रहने के कारण नर्क और काशी में खराब कर्म करने वाले को स्वर्ग मिले। प्राचीन भारतीय चिंतन में भी कर्मफल सिद्धान्त को बहुत महत्व दिया गया। मोदी ने कबीर के छह सौ बीसवें प्राकट्य दिवस पर यहां आने का निर्णय लिया था। इस अवसर को भी उन्होंने विकास से जोड़ दिया। मगहर में विकास की अनेक योजनाएं चलाई जाएगी। साथ ही मोदी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा देश के समग्र विकास के प्रति कटिबद्धता व्यक्त की। कहा कि आजादी के इतने वर्षों तक देश के कुछ ही हिस्से में विकास की रोशनी पहुंच सकी थी। हमारी सरकार का प्रयास है कि भारत भूमि की एक-एक इंच की जमीन को विकास की धारा के साथ जोड़ा जाए। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने इस जगह के लिए एक सपना देखा था। इसी के अनुरूप मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव और समरसता केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है। देश में मुस्लिम बहनें तीन तलाक से मुक्ति की मांग कर रही हैं, लेकिन तीन तलाक के रास्ते में रोड़े अटकाए जा रहे थे। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। नरेंद्र मोदी ने कार्ल मार्क्स के इस विचार में सुधार किया। उन्होंने वर्ग संघर्ष की जगह वर्ग सहयोग का सिद्धांत प्रतिपादित किया। मार्क्स ने केवल विचार प्रस्तुत किये थे। उन पर अमल नहीं किया था, स्वयं उनका क्रियान्वयन नहीं किया था।

जबकि नरेंद्र मोदी ने वर्ग सहयोग का विचार बाद में प्रस्तुत किया, उसका क्रियान्वयन वह पिछले कई वर्षों से कर रहे है। मोदी कहते है कि दूसरा अर्थात सक्षम वर्ग की जिम्मेदारी यह है कि वह वंचित वर्ग को गरीबी से ऊपर लाने में सहयोगी बने। इस तरह मोदी शासन, राजनीतिक पार्टियों और धनी वर्ग सभी की जिम्मेदारी तय करते है। नरेंद्र मोदी के शासन का यही आधार भी रहा है। सबका साथ सबका विकास की नीति को कथित धर्मनिरपेक्षता का विकल्प बनाया। यह बता दिया कि देश के मुसलमान वोटबैंक नहीं है। वह भी इंसान है। उनके जीवन की भी मूलभूत आवश्यकताएं है। सरकार का दायित्व है कि वह सभी का जीवन स्तर उठाने का प्रयास करे। यही सेक्युलरिज्म है। मोदी की यह नीति प्रभावी और लोकप्रिय रही। पंच तीर्थों  पर गरिमापूर्ण स्मारक दशकों पहले बनने चाहिए थे। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अलावा किसी अन्य ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अटल बिहारी वाजपेयी ने नई दिल्ली में उनके आवास को स्मारक रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था।

किंतु यूपीए सरकार ने इस योजना को अपनी कार्यशैली के अनुरूप लंबित सूची में बनाये रखा था। मोदी सरकार ने 2015 को आंबेडकर की एक सौ पच्चीसवीं जयंती वर्ष घोषित किया था। इस वर्ष डॉ। आंबेडकर से संबंधित अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए। उनके जन्मदिन चौदह अप्रैल को समरसता दिवस और छब्बीस नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया गया। अनुसन्धान हेतु सौ छात्रों को लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स और कोलंबिया विश्विद्यालय भेजने का निर्णय लिया गया। इन दोनों संस्थानों में डॉ। आम्बेडकर ने अध्ययन किया था।डॉ।आम्बेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। एक नवंबर 1951 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद,वह 26 अलीपुर रोड, दिल्ली में सिरोही के महाराजा के घर में रहने लगे जहां उन्होंने 6 दिसम्बर 1956 को आखिरी सांस ली और महापरिनिर्वाण प्राप्त किया। डॉ।आम्बेडकर की स्मृति में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 को महापरिनिर्वाण स्थल राष्ट्र को समर्पित किया था। प्रधानमंत्री ने मार्च, 2016 को इसकी आधारशिला रखी थी। इस इमारत को संविधान निर्माता बाबा साहब के स्मारक के रूप में निर्मित किया गया है, इमारत को पुस्तक का आकार दिया गया है।

इसमें एक प्रदर्शनी स्थल, स्मारक,बुद्ध की प्रतिमा के साथ ध्यान केन्द्र, डॉ। आम्बेडकर की बारह फुट की कांस्य प्रतिमा है। प्रवेश द्वार पर ग्यारह मीटर ऊंचा अशोक स्तम्भ और पीछे की तरफ ध्यान केन्द्र बनाया गया है। स्मारक की पहल भाजपा की पहली सरकार ने की थी, इसे अंजाम तक भाजपा की दूसरी सरकार ने पहुंचाया। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ भी प्रयास करते रहे है। उत्तर प्रदेश में दलित संतों विचारकों से संबंधित अनेक स्थलों को भव्यता प्रदान की जा रही है। लखनऊ के ऐशबाग में करीब पचास करोड़ की लागत से डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र स्थापित होगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस केंद्र का शिलान्यास किया। इसमें डॉ।आंबेडकर की करीब पच्चीस फुट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।

इस स्मारक में डॉ. आम्बेडकर से जुड़े महत्वपूर्ण संकलनों को स्थान दिया जाएगा। योगी कैबिनेट लखनऊ में ऐशबाग ईदगाह के सामने खाली पड़ी मौजा भदेवा की करीब साढ़े पांच हजार वर्ग मीटर नजूल भूमि को डॉ. आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए संस्कृति विभाग के पक्ष में कुछ शर्तों व प्रतिबंधों के तहत निशुल्क आवंटित कर चुकी है। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से स्थापित होने वाले डॉ। भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र में साढ़े सात सौ व्यक्ति की क्षमता का प्रेक्षागृह पुस्तकालय व शोध केंद्र,छायाचित्र दीर्घा व संग्रहालय, बैठकों व आख्यान के लिए बहुद्देशीय सभागार व कार्यालय का निर्माण किया जाएगा। साथ ही लैंडस्केपिंग डॉरमेट्री, कैफेटेरिया,पार्किंग व अन्य जनसुविधाएं विकसित की जाएंगी लखनऊ से बाबा साहब का खास संबंध रहा है। वह लखनऊ में काफी समय बिताने के साथ ही यहां की संस्कृति को बहुत प्रिय बताते थे। वह कहते थे कि सरकार का मिशन सबकी भलाई होनी चाहिए। इसी कारण सभी सरकार को उनके अनुभव का अनुसरण करना चाहिए। बाबा साहब कहते थे कि हम सब पहले और बाद में भी केवल भारतीय हैं।

Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More
National Raj Dharm UP

यूपी के 16 हजार मदरसों से संकट टला

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम पर HC के फैसले पर लगाई रोक लखनऊ। देश की सर्वोच्च अदालत ने ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था। […]

Read More