राष्ट्रीय राजधानी से नोएडा तक EAST DELHI RIDERS ने ओजोन परत बचाने का लिया संकल्प
ओजोन परत पर खतरा आया तो दुनिया पर टूट सकती है नई आफत, हो सकती है कई परेशानियां
नया लुक ब्यूरो
नई दिल्ली। हर साल की तरह इस बार भी 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे मनाया गया। दिन भर हुई बारिश ने भी प्रकृति प्रेमियों के उत्साह को कम नहीं किया। झमाझम वर्षा के बावजूद UP जैव विविधता बोर्ड, नोएडा वन विभाग और शीविंग्स ने ओखला पक्षी अभयारण्य में ओजोन दिवस समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में 100 साइकिल सवार प्रतिभागियों की संख्या थी। अलग-अलग क्षेत्रों के लोग जैसे साइकिल चालक, डॉक्टर, कारपोरेट, फिटनेस और योग के प्रति उत्साही, पर्यावरण मंत्रालय और यूपी राज्य के अधिकारी, केंद्र सरकार के अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहे। इस मौके पर दिल्ली से नोएडा तक ईस्ट दिल्ली राइडर्ज ने ओजोन परत बचाने का संकल्प लिया।
पर्यावरण को बचाने की इस मुहिम में UP STATE BIODIVERSITY BOARD (जैव विविधता बोर्ड) और वन विभाग के अधिकारी कड़ी मेहनत के साथ ग्रीन पर्यावरण के मिशन पर डटे हुए हैं। साइकिल की सवारी सुबह 6.15 बजे, पूर्वी दिल्ली राइडर्ज जिला वन अधिकारी पीके श्रीवास्तव और शीविंग्स के संस्थापक मदन मोहित भारद्वाज के नेतृत्व में नोएडा एंट्री से शुरू हुई। ये सवार करीब 6.45 बजे ओखला पक्षी अभयारण्य पहुंचे। लगभग 7.15 बजे सभी साइकिल चालक और अतिथि OBS के अंदर सम्मेलन हॉल में जलपान के बाद चर्चा पैनल के लिए जमा हुए।
इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित पीके श्रीवास्तव जिला वन अधिकारी, वन मंत्रालय ने ओजोन परत के बारे में जानकारी दी। वहीं अपने अभिनव और अनुकरणीय कार्यों के लिए प्रसिद्ध विशिष्ट अतिथि डॉ. अजीत सक्सेना और डॉक्टर नीता सक्सेना, डॉक्टर दंपत्ति चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाने जाते हैं, और इसके बाद संस्कृति मंत्रालय के डॉ. अनिल कुमार, मदर डेयरी के रविंदर कुमार और टिकाऊ कपड़ों के ब्रांड लानोस यव्वास की संस्थापक गुरप्रीत कौर सोनेल की एक और पैनल चर्चा हुई।
शीविंग्स के CPO शुभेंद्र सिंह राजावत ने लोगों से आगे आने और पहल में शामिल होने का आग्रह किया। ODS (ओजोन डिलीटिंग सब्सटेंस) को छोड़ने वाले उपकरणों के उपयोग को कम करने के लिए दिन-प्रतिदिन के जीवन में बदलाव करने का आग्रह करते हुए चर्चा का समापन किया। लानोस यव्वास संस्थापक गुरप्रीत कौर सोनेल ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में टिकाऊ होने के लिए, केवल फैशन उद्योग में ही नहीं। हाल के शोध से पता चलता है कि लगभग 46 प्रतिशत उपभोक्ताओं के पर्यावरण के अनुकूल, स्थायी रूप से बने उत्पादों में निवेश करने की अधिक संभावना है, इसलिए, निश्चित रूप से, टिकाऊ फैशन पहले से ही तेज फैशन है। एक स्थायी ब्रांड लाभ कमाने से परे दिखता है।
सभी ने किया पौधरोपण
जैव विविधता के लिए वनों के महत्व की मान्यता में, साइकिल चालकों और मेहमानों ने कुछ पौधे लगाए। वे अनगिनत पौधों और जानवरों का निवास स्थान हैं। इसके अलावा, पेड़ जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेड़ लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं और रोगों के उपचारक के रूप में भी कार्य करते हैं।
क्या है ओजोन परत
पृथ्वी का वायुमंडल कई परतों से बना हुआ है। सबसे निचली परत को क्षोभमंडल कहते हैं, जो पृथ्वी से करीब 10 किमी की ऊँचाई तक है। उसके बाद आता है समताप मंडल, जो पृथ्वी से लगभग 50 किमी तक फैली हुई है। समताप मंडल के निचले भाग में स्थित है Ozone Layer, जो पृथ्वी की सतह से करीब 15 से 30 किमी तक फैली है। सूर्य से पृथ्वी की और आने वाली पराबैंगनी विकिरण को ओजोन परत अवशोषित करती है और पृथ्वी की सतह तक पहुंचने से रोकती है। यह UVB नामक UV विकिरण को अवशोषित करता है। इन हानिकारक किरणों से इंसान की स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव, जैसे की त्वचा के कैंसर, मोतियाबिंद आदि को रोकता है और समुद्री जीवन को भी हानिकारक प्रभावों से बचाता है।
यह कितना है उपयोगी
सूर्य से आने वाली हानिकारक Ultra-violate किरणों को 90 फीसदी से भी ज्यादा यह परत ही अवशोषित कर लेता है। चिकित्सकों का कहना है कि इन हानिकारक किरणों के संपर्क में आने से इंसानों को कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इन किरणों के बजह से जीवन चक्र में भी बाधा उत्पन हो सकती है। इसीलिए ओजोन स्तर का होना मानव और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।