चीनी निगम के अफसर हो गए मालामाल!

  • CM की किसानों की आय बढ़ाने के मंसूबों पर अफसरों ने फेरा पानी
  • ड्रीम प्रोजेक्ट की पिपराइच व मुंडेरवा चीनी मिले चल रही घाटे में

आर के यादव

लखनऊ। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस वाली सरकार औऱ ईमानदार अफसर के हवाले चीनी महकमा होने के बावजूद उत्तर प्रदेश चीनी सहकारी मिल संघ एवं चीनी निगम के अधिकारियों को न तो शासन का कोई डर है और न ही कार्यवाही की कोई चिंता। तभी तो अफसरों ने कमाई के चक्कर मे मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी चीनी मिल परियोजनाओं की मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिलों में करोड़ों के अत्याधुनिक उपकरण लगने के बावजूद घाटे में चल रही हैं। इससे किसानों की आय तो बढ़ी नहीं बल्कि अधिकारी जरूर मालामाल हो गए।

किसानों की आय दुगनी करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिये प्रदेश की योगी सरकार ने तीन बड़ी और अत्याधुनिक मशीनों वाली चीनी मिल लगाए जाने का एलान किया। इस परियोजना में गोरखपुर की पिपराइच व बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिले जो बंद पड़ी थी शामिल किया गया। तीसरी चीनी मिल संघ बागपत जनपद की रमाला मिल थी। इस मिल की गन्ना पेराई की क्षमता 2750 टीसीडी से बढ़ाकर 5000 टीसीडी किये जाने का निर्णय हुआ था। सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार ने पूर्वांचल के किसानों को संजीवनी देने के लिए गोरखपुर सहित वर्षो से बंद पड़ी चीनी निगम की दो मिल लगाने के लिए टेंडर निकाले। चीनी मिल लगाने वाली फेर्मो का चयन किया गया। इसमें चीनी मिल संघ के अफसरों और परियोजना से जुड़े चीनी निगम के अफसरों ने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।

ये भी पढ़ें

https://www.nayalook.com/2022/06/17/tagging-order-returned-to-benefit-sugar-mill-owners-nayalook/

सूत्रों का कहना है कि रमाला की चीनी मिल परियोजना के लिए मशीनरी आपूर्ति सहित इरेक्शन व सिविल कार्य का ठेका गाजियाबाद की एक फर्म को 310 करोड़ में दे दिया। परियोजना से जुड़े चीनी निगम के अधिकारी ने आला अफसरों के साथ मिलकर रमाला की निविदा दे दी। रमाला के समान तकनीकी स्पेसफिकेशन पर पिपराइच और मुंडेरवा के समान काम का ठेका 42 करोड़ रुपये प्रति मिल ज्यादा में तय करके उसका था 352 करोड़ रुपये में दे दिया। इसमें अधिकारियों ने जमकर गोलमाल किया। आलम यह है कि करोड़ो रुपए की लागत से चालू हुई दोनों की चीनी मिले वर्तमान समय में घाटे पर चल रही हैं।

अफसरों का दावा नुकसान में भी नहीं चीनी मिलें

पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिलों में तमाम आधुनिकीकरण उपकरण लगने के बावजूद मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की दोनों चीनी मिले घाटे में चल रही हैं। इन चीनी मिलों को मुख्यमंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और उत्पादन की गुणवत्ता के चलते कराया था। मुख्यमंत्री के मंसूबों पर अधिकारियों ने पानी फेर दिया है। इस मसले पर जब चीनी निगम के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडेय से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। उधर संघ के एक वरिष्ठï अधिकारी का कहना है कि पिपराइच व मुंडेरवा चीनी मिल यदि फायदे में नहीं है तो नुकसान में भी नहीं है। दोनों ही मिले सामान्य तरीके से संचालित हो रही हैं।

Central UP

EXCLUSIE CRIME NEWS: साल-दर-साल कमजोर हो रही थी मुख्तार की फायर पॉवर, कुछ इस तरह गई मुख्तारी

ए अहमद सौदागर लखनऊ। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भले ही कुछ बातें संबंधित विभाग की फाइलों में गोते लगा रही हों, लेकिन कड़वा सच यह है कि अपराध का इतिहास अनगिनत रहा। मुख्तार अंसारी के राजनीतिक और आर्थिक साम्राज्य के साथ उसके गैंग की फायर पावर कई सालों […]

Read More
Central UP

CRIME UPDATE: मारा गया था युवक गले और शरीर में मिले चोट के निशान

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सच आया सामने, चिनहट क्षेत्र में हुई घटना का मामला एक बार फिर सिर उठाने लगे क्रिमिनल, बढ़ने लगीं हत्या और जुर्म की घटनाएं ए अहमद सौदागर लखनऊ। बलरामपुर निवासी 27 वर्षीय रामनरेश की सड़क हादसे में मौत नहीं हुई थी, उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी। जांच पड़ताल कर रही […]

Read More
Loksabha Ran Purvanchal

देवरिया के लिए शशांक पर भाजपा को भरोसा , स्थानीय भी और दमदार भी

संजय तिवारी लखनऊ/नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार देवरिया की जनता की सुन ली है। सीट पर बाहरी को मौका नहीं दिया गया। वर्षों से बाहरी नेतृत्व का दंश झेल रही इस सीट पर इस बार पार्टी ने सम्पूर्ण रूप से स्थानीय चेहरे पर ही भरोसा किया है। स्व पंडित सुरति नारायण त्रिपाठी के […]

Read More