नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार में जहरीली शराब से 40 लोगों की हुई मौत तथा विपक्षी दलों ने प्रर्वतन निदेशालय (ED) और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के दुरुपयोग, न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा चुनावों को लेकर चर्चा कराने की मांग को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में भारी शोरगुल एवं हंगामा किया जिसके कारण सुबह एक घंटे के दौरान सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित कर दी गय।
सुबह ग्यारह बजे आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नियम 267 के तहत आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा, कांग्रेस के प्रमोद कुमार तिवारी और अखिलेश सिंह,शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी समेत कुल सात सदस्यों ने ED और CBI के दुरुपयोग, न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा चुनावों पर चर्चा को लेकर नोटिस दिया है। जो सभापति के विचाराधीन है। उन्होंने सदस्यों से सदन के संचालन में सहयोग करने की अपील की। तृणमूल कांगेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने व्यवस्था का मामला उठाते हुए और नियमों का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले इस तरह के नोटिसों पर चर्चा की अनुमति दी गयी थी।
तिवारी ने कहा कि आज सदन के समक्ष सूचीबद्ध विषयों को निलंबित कर लोकमहत्व के विषय पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ED और CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है। चतुर्वेदी ने कहा कि यह सदन राज्यों का है और उन्होंने जो विषय दिये हैं वह तात्कालिक महत्व का है। इसलिए उस पर पहले चर्चा की जानी चाहिए। सदन के नेता पीयूष गोयल ने चतुर्वेदी के कथन का विरोध किया। श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि किसी मामले को लेकर सदस्य नियमों का उल्लेख कर सकते हैं। लेकिन उस पर अंतिम निर्णय सभापति का होगा। (वार्ता)