रंजन कुमार सिंह
रांची। साहिबगंज जिले में अवैध खनन और टेंडर मैनेज करने का आरोपी विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा CIP के नशामुक्ति केंद्र में इलाज नहीं कराना चाहता है। रिम्स मेडिकल बोर्ड की सलाह पर बुधवार को रांची पुलिस रिम्स के पेइंग वार्ड पहुंची और पंकज मिश्रा से CIP स्थित नशा मुक्ति केंद्र चलने को कहा, तो उसने जाने से इनकार कर दिया। इधर, नशा मुक्ति केंद्र ले जाने के लिए जेल प्रशासन ने रांची पुलिस से सुरक्षा बल भी मंगा लिया था। एक-चार का बल भी उसे ले जाने के लिए आ गया था, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी वह नशा मुक्ति केंद्र नहीं गया। इसके बाद जेल प्रबंधन ने PMLA कोर्ट को लिखित में इसकी जानकारी दे दी है। इधर, रिम्स अधीक्षक को जेल प्रशासन ने अवगत कराया है कि CIP में इलाज की व्यवस्था की जा रही है। पंकज मिश्रा को वहां शिफ्ट कराने पर आपके यहां से छुट्टी कर दी जाये।
उल्लेखनीय है कि ED ने 19 जुलाई 2022 को पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी तबीयत खराब हो गयी थी। तब से वह रिम्स में है। 26 नवंबर को उसकी जमानत भी खारिज हो चुकी है। ED ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉउंड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर चार जून को केस दर्ज किया था। उसके खिलाफ साहिबगंज जिला के बरहरवा थाना में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
ED की नजर आइओ के बाद अब DIG पर भी
सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को साहिबगंज में दर्ज प्राथमिकी में आरोप मुक्त किये जाने के मामले में ED की नजर अब आइओ के बाद DIG पर भी है। ED ने पंकज मिश्रा के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं को नजर अंदाज करने की वजह से IO सरफुद्दीन खान को समन जारी कर पांच दिसंबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। ED की ओर से पंकज मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करने के दौरान कोर्ट में लिखित तौर पर यह कहा गया कि पंकज के राजनीतिक रसूख के कारण जिले में दर्ज मामले में उस पर लगे आरोपों को गलत करार दिया गया।