बीमारी नहीं छोड़ रही पीछा तो अपनाएं वास्तु के ये उपाय, दूर हो जाएंगे हर रोग

वास्तु में एक कहावत के अनुसार, निरोगी रहना ही सबसे बड़ी संपदा कहा गया है। ‘आरोग्यम् धनसंपदा’ शारीरिक, सामाजिक और मानसिक रूप से सक्षम होना ही, स्वस्थ होना कहलाता है। आज के परिवेश में बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान के कारण अधिकांश व्यक्ति किसी न किसी बीमारी की चपेट में हैं, फिर वह बीमारी चाहे छोटी हो या बड़ी। शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए हम कभी एलोपैथिक, होम्योपैथिक और इससे आराम नहीं मिलता तो आयुर्वेद का भी सहारा लेने लगते हैं। डॉक्टर और वैद्य के बताए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने लग जाते हैं।

कभी-कभी यह सब करने के पश्चात भी हमें अपेक्षित परिणाम नहीं देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्य के स्वास्थ्य पर वास्तु दोष का प्रभाव भी पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि दवा-परहेज करने के बाद भी बीमारी व्यक्ति का पीछा ही नहीं छोड़ती है। यह सब वास्तु दोष के कारण ही होता है। घर के मुख्य द्वार से लेकर हर जगह रखे सामान की दिशा वास्तु के अनुसार हो तो नकारात्मकता घर में कभी प्रवेश नहीं करती। वहीं, गलत दिशा में रखा सामान आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

01-किचन-किचन में रात में जूठे बर्तन रखने से व्यक्ति किसी न किसी तरह की बीमारी से घिरा रहता है।

02-किचन में अग्नि और पानी को एक साथ नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर के सदस्यों का पेट ठीक नहीं रहता है और एसीडिटी की समस्या रहती है।

03-रसोईघर में यदि गैस स्टोव पर काम करते समय मुख उत्तर दिशा में हो तो आपको सर्वाइकल, थायरॉइड और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्या हो सकती है।

04-दीवारों पर सीलन होने से श्वांस और त्वचा संबंधी समस्याएं होने की प्रबल आशंका होती है।

05-बेडरूम-रात को सोते समय सिर उत्तर दिशा और पैर दक्षिण दिशा में होने से सिरदर्द और अनिद्रा जैसी समस्याएं होती हैं।

06-बीपी पेंशेंट यदि दक्षिण-पूर्व दिशा में लेटते हैं तो उनके बीपी बढ़ने की आशंका होती है।

07-गर्भवती महिलाओं को पूर्वोत्तर और ईशान कोण दिशा मे लेटने से गर्भाशय से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। (BNE)

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