चाटुकार नेताओं को हटाए बगैर नहीं होगा कांग्रेस का उद्धार!

  • कांग्रेस हाईकमान में आए दिन किए गए प्रयोगों से बढऩे के बजाए घटा जनाधार
  • जनाधार वाले नेताओं की उपेक्षा और चापलूसों को तरजीह मिलने से चौपट हुई पार्टी

आरके यादव

लखनऊ। कांग्रेस हाईकमान प्रदेश में खाये हृुए जनाधार को वापस लाने की कवायद में जुटा हुआ है। इसके लिए कांग्रेस आए दिन प्रयोग पर प्रयोग कर रही है। इस कड़ी में आला कमान ने दो प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए। विधानसभा और नगर निकाय चुनाव के पहले सात प्रांतीय अध्यक्षों समेत प्रदेश की कमान बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए बृजलाल खाबरी के हाथों में सौंपी गई। चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की कमान पुराने दिग्गज कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय के हाथ में दी गई है। अध्यक्ष तो बदल दिए गए किंतु प्रदेश में कांग्रेस को हासिये पर लाने वाले चाटुकार नेताओं पर कांग्रेस आला कमान ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही वजह है कि प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार बढऩे के बजाए दिनोंदिन गिरता जा रहा है। यह मामला प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में चर्चा का विषय बना हुआ। चर्चा है कि चाटुकारों को हटाए बगैर प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार वापस नहीं आएगा।

वर्ष-2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश चुनाव की कमान कांग्रेस की राष्टरीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथ सौंपी गई थी। इसमें प्रदेश प्रभारी ने लडक़ी हूं लड़ सकती हूं स्लोगन पर चुनाव में महिलाओं की बढ़चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित कराई। इसके तहत विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाओं को टिकट भी दिया गया। महिलाओं को अधिक टिकट देने से कई अपने ही नाराज हो गए थे। प्रदेश में जमीनी स्तर पर जनसमस्याओं के साथ हादसों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके बावजूद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। वर्ष-2017 के चुनाव में कांग्रेस को सात सीट मिली थी जो वर्ष-2022 के चुनाव में घटकर दो ही रह गई। प्रियंका ही इस मुहिम को मतदाताओं पर कोई असर ही नहीं दिखाई पड़ा।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के जनाधार को बढ़ाने के लिए कांग्रेस आला कमान आए दिन प्रदेश अध्यक्ष बदल रहा है। प्रदेश कांग्रेेस को हाशिये पर लाने वाले प्रियंका के चाटुकार नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व बदलने के बाद भी कांग्रेस का जनाधार नहीं बढ़ पा रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में तैनात किए गए जिला एवं शहर अध्यक्षों की नियुक्ति इन्हीं चाटुकार नेताओं के द्वारा की गई है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता की मानें तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के कार्यकाल में प्रदेश कोषाध्यक्ष की नियुक्ति चाटुकार नेताओं ने केंद्र से करा दी। जबकि कांग्रेस संविधान के मुताबिक प्रदेश कोषाध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार प्रदेश अध्यक्ष को होता है। इसी प्रकार तमाम ऐसे नेताओं को महत्वपूर्ण पद दिला दिए गए जिनका जनता में कोई जनाधार ही नहीं है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेस के वरिष्ठ दिग्गज नेताओं को कमेटी से बाहर करा दिया गया। राजनीति के जानकारों का कहना है कि प्रियंका के करीबी तिकड़ी को हटाए बगैर कांग्रेस की नैय्या पार हो पाना संभव नहीं है।

समय पर सब ठीक कर दिया जाएगा,

प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी को नए सिरे से स्वरूप दिया जा रहा है। आपसी गुटबाजी को खत्म कर दिया जाएगा। पुराने दिग्गज नाराज वरिष्टï कांग्रेसजनों को पार्टी से जोडऩे की मुृहिम चल रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष की नियुक्ति और चाटुकारों के सवाल पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से यह कहकर मना कर दिया कि कुछ समय बाद सब ठीक कर दिया जाएगा।

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