राशि अनुसार करें कन्या पूजन और कन्याओं को दें ये उपहार

ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा


लखनऊ।  नवरात्रि की पूजा में कन्या पूजन का विशेष महत्व है और बिना कन्या पूजन के नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं हो पाती। नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन कर मां को विदा किया जाता है। इस पूजन में दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है और उनकी पूजा सत्कार के साथ भोग लगाया जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक को बटुक भैरव और लांगूरा के रूप में पूजा की जाती है। मान्यता है कि कन्या पूजन में आने वाली कन्याएं अपने साथ सौभाग्य और सुख-समृद्धि लाती हैं। साथ ही ग्रह-नक्षत्र के दोषों से भी राहत मिलती है। शास्त्रों में बताया गया है कि अगर राशि के अनुसार, कन्याओं को कुछ वस्तुएं दान में दी जाएं तो मां सभी मनोकामनाओं को पूरी करती हैं और कुंडली में सभी ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल मिलता है…

मेष और वृश्चिक राशि

मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी एक ही हैं और वह मंगल ग्रह हैं। इसलिए इन राशियों के लोग कन्या पूजन में लाल रंग की चीजें भेंट करें। लाल रंग की चीज जैसे लाल किताब, लाल चूड़ी, लाल वस्त्र, पेंसिल, फल इत्यादि को भेंट कर सकते हैं। साथ ही कन्या पूजन के बाद गरीब व जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं। ऐसा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और मंगल से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

वृषभ और तुला राशि

वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं इसलिए कन्या पूजन में इस राशि के लोग मखाने, गोला, अनार या फिर खिलौने इत्यादि दे सकते हैं। साथ ही वस्त्र व धन भी भेंट स्वरूप कन्या व लांगूरा को दे सकते हैं। सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कन्या पूजन के बाद घर में जितने सदस्य हों, उतने पेड़ लगाएं। ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शुक्र ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

मिथुन और कन्या राशि

मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं। इसलिए इन राशियों के लोग कन्या पूजन में हरे रंग का प्रयोग करें और हरे रंग की वस्तुएं भेंट करें। जैसे आप हरे रंग के वस्त्र, फल, चूड़ियां, रुमाल, संतरा आदि चीजें कन्या पूजन में दे सकते हैं। कन्या पूजन के बाद आप इन रंग की चीजों को जरूरतमंद लोगों को दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से बुध ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति का वास होता है।

कर्क राशि कर्क

राशि के स्वामी चंद्रदेव हैं। इसलिए इस राशि के लोग कन्या पूजन में मखाने, गोले, दूध से बनी मिठाई आदि भेंट कर सकते हैं। साथ ही आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां को सफेद फूल अर्पित करें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

सिंह राशि..

सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और सूर्य सभी ग्रहों के राजा है। इसलिए इस राशि के लोग कन्या पूजन में नारियल, धार्मिक किताबें, वस्त्र, मेवे, मिठाई आदि भेंट कर सकते हैं। साथ ही मां की पूजा के बाद ललिता सहस्त्रनाम और सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। यह भी ध्यान रखें कि मां को खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होती है और अटके हुए सभी कार्य बनने लग जाते हैं।

धनु और मीन राशि

धनु और मीन राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं। इसलिए इन राशियों के लोग कन्या पूजन में पीले रंग की वस्तुएं दान करें। जैसे पीले रंग के कपड़े, फल, रुमाल, चुनरी। साथ ही आप शिक्षा से संबंधित चीजों को भी भेंट स्वरूप दे सकते हैं। इन राशियों के लोग मां की पूजा के बाद राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और कुंडली में बृहस्पति देव की स्थिति मजबूत होती है।

मकर और कुंभ राशि

मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। इसलिए इन राशियों के लोग कन्या पूजन में नीले रंग की चीजें दान में दे सकते हैं। साथ ही आप लाल रंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नीले या लाल रंग के वस्त्र, खिलौने, फल, किताबों के साथ-साथ आप नारियल या फिर धन भी भेंट स्वरूप दे सकते हैं। मां की पूजा के बाद देवी कवच का पाठ करें और नर्वाण मंत्र का जप करें। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

Religion

क्या आप जानते हैं नवांश कुण्डली का महत्व और प्रभाव, यदि नहीं तो यह लेख जरूर पढ़ें…

देव नवांश, नर नवांश और राक्षस नवांश के नाम से जाने जाते हैं नवमांश यदि ग्रह अच्छी स्थिति या उच्च के हों तो वर्गोत्तम की स्थिति होती है उत्पन्न -राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद वैदिक ज्योतिष में नवमांश कुण्डली को कुण्डली का पूरक माना गया है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कुण्डली मानी जाती है क्योंकि […]

Read More
Religion

चल रहा है बहुत ही पुण्य मास, करें केवल दो छोटे उपाय और पायें सुख, शांति और स्थिर लक्ष्मी

पापरूपी ईंधन को अग्नि की भाँति जलाने वाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यानी चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है वैशाख मास, जानें इसका महात्म्य पं. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री’ वैशाख मासः पद्म पुराण के अनुसार इस मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, स्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय […]

Read More
Religion

क्या है हनुमान् और बजरंगबली का वास्तविक अर्थ, जानें व्याकरण की भाषा में

कमलेश कमल व्याकरणिक दृष्टि से देखें, तो ‘हनुमत्’ से ‘हनुमान्’ शब्द की निर्मिति है। जैसे ‘धीमत्’ से ‘धीमान्'(बुद्धिमान्), ‘विद्वत्’ से ‘विद्वान्’; उसी तरह ‘हनुमत्’ से ‘हनुमान्’। अब इस ‘हनुमान्’ शब्द को देखें, तो ‘हनु’ और ‘मान्’ दो शब्द मिलते हैं। चूँकि कोई दो वर्ण नहीं मिल रहे हैं और न ही कोई विकार उत्पन्न हो […]

Read More