डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ। कुछ वर्ष पहले तक सोनभद्र और बुंदेलखंड की दशा एक जैसी थी। दोनों ही क्षेत्र प्राकृतिक संसाधन से समृद्ध रहे हैं, लेकिन यहां के लोग अभाव का सामना करने को विवश थे। वर्तमान सरकार ने बुंदेलखंड की तरह सोनभद्र को भी विकास की मुख्यधारा में शामिल किया। अनेक कार्य ऐसे हुए, जिनकी पहले कल्पना करना भी सम्भव नहीं था। पहले यहां पेयजल की किल्लत होती थी, अब हर घर नल से जल का सपना साकार हो रहा है। इसी प्रकार कोई सोच नहीं सकता था कि यहां मेडिकल कालेज बनेगा।
यहां मेडिकल कालेज का निर्माण प्रगति पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र यात्रा के दौरान मेडिकल कालेज निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। सोनभद्र को ईको-टूरिज्म का केन्द्र बनाने का प्रयास हो रहा है। यहां के एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जा रहा है। सोनभद्र में 414 करोड़ रुपये लागत की 217 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र का शिलान्यास भी शामिल है। इससे यहां के विशेष उत्पादों को बहुत प्रोत्साहन मिलेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले सोनभद्र के जंगलों में महुआ व चिरौंजी बीनने के लिए गरीब परिवारों को रोका जाता था, परन्तु अब महुआ व चिरौंजी बीनने के लिए अनुमति प्रदान कर दी गयी है। जिला प्रशासन एरियल सर्वे करेगा। हेलीकॉप्टर द्वारा चिरांजी के बीज डाले जाएंगे। जिससे वन क्षेत्रों में चिरौंजी के उत्पादन में वृद्धि होगी। इसका लाभ वनवासियों को मिलेगा। नाम के अनुरूप सोनभद्र को सोने के एक नये केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्यारह हजार वनवासी परिवारों को कैम्प लगाकर पट्टा आवंटन किया जाएगा। कोई गरीब एवं वनवासी परिवार अपने अधिकार से वंचित नहीं रहेगा।
जनपद के प्रत्येक घर को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति के लिए कार्य किया जा रहा है। मीरजापुर व सोनभद्र में पेयजल संकट के निवारण हेतु ‘हर घर नल योजना’ के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। सोनभद्र में अब तक एक लाख से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से निःशुल्क आवास की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत जनपद के चार लाख से अधिक परिवारों को शौचालय से लाभान्वित किया गया है।