सहम गए गांव वासी
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। लखीमपुर जिले के निघासन क्षेत्र स्थित एक गांव दो बेटियों की पेड़ से लटके मिले शव के बाद एक बार फिर वह जमीन खून से नहा गई, जहां 10 जून 2011 में निघासन थाना परिसर में एक बेटी के साथ दरिंदगी के बाद मौत की नींद सुला दिया गया था। इस सनसनीखेज वारदात ने पुराने जख्मों को ताजा कर दिया है। राजधानी लखनऊ में बालसिंह खेड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में दरिंदगी का शिकार हुई महिला हत्याकांड, एलएलबी की छात्रा गौरी हत्याकांड हो फिर निघासन में हुई घटना का मामला।
मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी के तमाम दावों के बावजूद सूबे में लड़कियों एवं महिलाओं के साथ अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लखीमपुर खीरी के निघासन क्षेत्र में हुई दुस्साहसिक वारदात देते हुए एक बार फिर बदमाशों ने बहू बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए।
यूपी में बहू बेटियों के के साथ दरिंदगी या उनकी हत्या किए जाने का मामला तो पता नहीं कब से चल रहा है, पर सूबे में इसकी आहट कई दशक पहले से लोगों को महसूस होती चली आ रही कि आखिर कब तक महिलाओं और लड़कियों पर ज़ुल्म होता रहेगा। हालांकि पुलिस के आलाधिकारियों ने बहू बेटियों की सुरक्षा के लिए कई बार और कई तरह की योजनाएं तैयार की, लेकिन हैवानों और हत्यारों के आतंक के आगे घुटने टेक कर रह गई।