
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने फ्यूचर-रिलायंस समझौते पर यथास्थिति बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड एवं अन्य से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन एवं न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड, अध्यक्ष किशोर बियानी एवं अन्य के खिलाफ नोटिस जारी कर इस संबंध में उनसे जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष कार्यवाही जारी रहेगी, लेकिन रिलायंस के साथ एफआरएल के विलय पर कोई अंतिम फैसला नहीं होगा।
एफआरएल एवं अन्य को अलग से नोटिस जारी करते हुए पीठ ने कहा कि वे अमेजन की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दें और इसके दो सप्ताह बाद अमेजन की याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। पिछले महीने अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) के आपातकालीन मध्यस्थ (ईए) के अंतरिम आदेश को लागू करने का अनुरोध किया था। ईए ने रिलायंस के साथ समझौते पर आगे बढ़ने से एफआरएल को रोक दिया था।
खंड पीठ ने आठ फरवरी को जारी अंतरिम आदेश में कहा कि वह एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा रही है क्योंकि अमेजन और फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) के बीच साझा सदस्यता समझौते (एसएसए) में एफआरएल पक्षकार नहीं है और अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी, एफआरएल एवं रिलायंस रिटेल के बीच समझौते में पक्षकार नहीं है।