कोविड-19 से होने वाला निमोनिया क्यों हो जाता है जानलेवा, आइए जाने

कोरोना महामारी के गंभीर मरीजों में निमोनिया आखिर क्यों जानलेवा हो जाता है, इस समस्या का रहस्य वैज्ञानिकों ने सुलझा ली है। आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने फेफड़ों की इम्युनिटी कोशिकाओं का क्रमबद्ध तरीके से विश्लेषण किया है। जब शोधकर्ताओं ने उनकी तुलना निमोनिया से पीड़ित मरीजों से की तो इससे पता चलता की कोरोना वायरस संक्रमण अधिक तेजी से कैसे और क्यों फैलता है।
पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस फेफड़े के बड़े हिस्सों को तेजी से संक्रमित करने के बजाय अनेक छोटे हिस्सों में पैठ बना लेता है। इम्यूनिटी कोशिकाओं पर कब्जा करके कुछ दिन या सप्ताह की अवधि में श्वसन तंत्र में फैल जाता है और कोरोना संक्रमण काफी नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे फेफड़ों में फैलता है और रोगी को बुखार बना रहता है। यह ब्लड प्रेशर को कम कर देता है। किडनी, मस्तिष्क, हृदय तथा रोगी के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है।
अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोविड-19 में निमोनिया की तुलना में अधिक जटिलता का कारण संक्रमण या बीमारी का अधिक गंभीर होने की तुलना में अधिक समय तक रहना है। उन्होंने वेंटिलेटर पर कोविड-19 के 86 रोगियों के फेफड़ों के फ्लूड का विश्लेषण किया। उसकी तुलना विभिन्न प्रकार के निमोनिया से ग्रस्त वेंटिलेटर पर मौजूद 256 रोगियों के फेफड़ों के फ्लूड से की।