IAS अफ़सर के यहां मिला 47 लाख,चार किलो सोना और ज़मीन के संदिग्ध कागज़ात,
रायपुर/छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में ED ने पिछले तीन दिनों से लगातार छापेमारी की कार्रवाई की है। शुक्रवार 14 अक्टूबर, को ED ने बेहिसाब नकदी, सोना और जेवरात आदि के रूप में लगभग 6.5 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। विशेष अदालत, रायपुर ने ED द्वारा गिरफ्तार किए गए एक IAS अफसर सहित तीन व्यक्तियों को आठ दिनों तक हिरासत में रखा है।
ED ने IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मी तिवारी को पूछताछ के लिए आठ दिन के लिए रिमांड पर लिया है। ED ने गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में शाम करीब 3.50 बजे पेश किया था। ED ने कोर्ट को बताया कि IAS समीर विश्नोई के घर के 47 लाख नकद, चार किलो सोना, जमीन और लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज मिले है। साथ ही पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी थी।
वहीं ED की टीम छापेमारी के तीसरे दिन कोरबा के कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर स्थित माइनिंग दफ्तर और खनिज न्यास कार्यालय में पहुंची। इस दौरान माइनिंग से संबंधित दस्तावजों जांच की गई। साथ ही कर्मचारियों की फाइलों को खंगाला गया। बता दें कि रानू साहू रायगढ़ से पहले कोरबा की कलेक्टर थीं। उनके कार्यकाल में हुए विभिन्न टेंडर और वर्क आर्डर की फाइलों को खंगाला जा रहा है।
हालांकि रानू साहू के रायगढ़ वापस लौटने के बाद उनके सील किए गए बंगले को नहीं खोला गया। ED की तरफ से सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने अदालत को बताया कि कार्रवाई की दौरान समीर विश्नोई के घर के 47 लाख नकद, चार किलो सोना, जमीन और लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। इसकी जांच करने के लिए अतिरिक्त समय का जरूरत है। साथ ही दस्तावेजों में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए फंडिग करने की जानकारी मिली है।
वहीं कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मी तिवारी के आवास से ED ने कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं। इसके जवाब में बचाव पक्ष के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ED उनके पक्षकारों को फंसा रही है। सूत्रों के अनुसार, ED का फोकस इस बात पर है कि किस बिल्टी में, खदान से कितने कोयले का परिवहन, किस फर्म को किया गया ? संभावना यह है कि ED की टीम यह पता लगाना चाहती है। कि एक निश्चित अवधि में कोरबा जिले से कितने कोयले का परिवहन किस-किस फर्म को किया ।