राष्ट्रवाद
Litreture
कविता : आज़ादी का अमृत महोत्सव
कर्नल आदि शंकर मिश्र आज़ादी का अमृत महोत्सव है, जिसका, वह भारत कहलाता है, लक्ष्य भेदकर जो विजयी बनता, वह पार्थ धनुर्धर सा बन जाता है। वीर भोग्या वसुन्धरा है भारत की, यह धरती अति पावन मनभावन है, स्वतंत्रता का यह आज दिवस है, सावन भाद्रपद का माह सुहावन है। संसार में मेरा […]
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